संजू सैमसन की शतकीय पारी के बाद फैंस ने BCCI को लगाई फटकार, ऋषभ पंत का भी किया जिक्र
आदर्श पत्रकारिता के प्रतीक थे परवेज अहमद
उज्जैन की मिर्जा वाडी में जन्मे वरिष्ठ पत्रकार प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष परवेज अहमद का आज सुबह 10.30 पर दिल्ली में निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से फेफड़ों में संक्रमण के चलते इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती थे।विगत दो दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था ।
परवेज भाई ने टाइम्स ऑफ इंडिया सहित अन्य कई संस्थानों में खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी बेहतरीन रिपोर्ट्स और कई सहेजने वाले साक्षात्कारों के लिए हमेशा याद किये जाते है।
मेरी परवेज भाई से सबसे पहली मुलाकात 1998 में उस वक्त हुई जब मैने जी टी वी उज्जैन इंदौर संभाग के स्ट्रिंगर के रूप में ज्वाइन किया।ज्वाइनिंग के बाद मुझे एसोसिएट एडिटर परवेज अहमद से मिलने को कहा गया।मेरा उज्जैन का पता देखते ही परवेज जी ने पूछा कब से पत्रकारिता में हो मैने बताया कि मैंने 1986 से पंजाब केसरी के इंदौर उज्जैन ब्यूरो से पत्रकारिता शुरू की है उसके बाद लोकस्वामी उज्जैन ब्यूरो के बाद अब सांध्य दैनिक शब्द सरोवर संपादक के साथ ही शब्द सरोवर न्यूज OTG पर चल रही है।तब परवेज भाई ने उठ करे बड़े प्रेम से गले लगाया और बताया कि मैं भी उज्जैन की मिर्जा वाडी से ही हूं ।पूरी ऑफिस के लोग यह सब बड़े कौतूहल से देख रहे थे मुझे सबसे पहले न्यूज एंकर निधि राजदान ने बताया की परवेज भाई बहुत ही सहज और सरल है किंतु वे काम के दौरान सख्त और अनुशासन प्रिय है पहली बार किसी से उन्हें ऑफिस में गले मिलते और इतनी आत्मीयता से मिलते देखा है।कुछ ही दिन में मैने पाया की परवेज भाई सुबह से रात तक सिर्फ काम करते थे और सिर्फ काम की बात करते थे ।मैने प्रिंट से हटकर इलेक्ट्रोनिक मीडिया में स्क्रिप्ट कितनी छोटी और कैसे लिखी जाती है उनसे ही सीखा ।ऑफिस से निकलते समय रात को मुझे अपनी कार में साथ घर ले जाते थे वहा भाभी को सूफिया शानी के हाथ से मेरे लिए बना शुद्ध शाकाहारी भोजन करने के साथ ही बिटिया रूही और सुबुही से भी मुलाकात होती थी डिनर के बाद मैं ज़ी टी वी के सामने गेल के गेस्ट हाउस चला जाता था।
परवेज भाई ने मुझे खेल पत्रकारिता करने को कहा तब मैने उन्हे बताया की मैं मुख्य रूप से क्राइम के साथ अन्य सभी क्षेत्रों में खबर करना चाहता हूं।तभी से परवेज जी ने मुझे हर क्षेत्र की खबर करने को प्रोत्साहित किया ।परवेज भाई ने हि ने मुझे 26 जनवरी 2001को गुजरात में आए भूकंप को कवरेज हेतु भेजा।कच्छ में लगभग सभी प्रेस ढह चुके थे बिजली बंद थी चारो और लाशे ही लाशे बिखरी थीं ।मुझे आज ध्यान की भुज कलेक्टर के लिए एक सेटेलाइट फोन आया था मुझे वो रिक्वेस्ट करने पर एक फोन के लिए दिया गया उस वक्त डेस्क पर इंचार्ज एडिटर आलोक रंजन जी थे उन्हे मैंने बताया की परवेज भाई के निर्देश पर मैं कच्छ आया हूं तब उन्होंने मेरा लाइव फोनो लेने का निर्देश दिया भुज के अंजार से 27 जनवरी को सबसे पहले 400 स्कूली बच्चों के बिल्डिगो के मलबे में दबने की खबर और पूरे कच्छ में किस कदर महाविनाश हुआ है तथा चारो और लाशे दबी पड़ी होने की जानकारी दी जो संभवत विश्व भर में मेरे फोनो के रूप में सबसे पहले सुनी गई। मुझे लेह लद्दाख का महोत्सव,दुबई में लेडी डॉन अर्चना शर्मा की स्टोरी,हुसैन टेकरी आदि कई ऐसे कवरेज का अवसर परवेज जी के कारण मिला जो एक स्ट्रिंगर को मिलना साधारण तह संभव नहीं था। धार कलेक्टर राजेश राजोरा द्वारा ज्ञानदूत योजना के तहत राजस्व रिकार्ड कंप्यूटर पर ऑनलाइन करने की योजना बनाई जी न्यूज पर मेरी उक्त स्टोरी को परवेज भाई ने अपने मार्गदर्शन में बनावा कर चलवाया इस स्टोरी के बाद वर्तमान प्रमुख सचिव राजेश राजोरा का जर्मनी विश्व प्रतिष्ठित चेलेंज अवार्ड प्राप्त हुआ था ।राजोरा जी के निमंत्रण पर मैं और परवेज भाई धार गए थे और रात्रि में मांडू रुके ।परवेज भाई के साथ बैठना मतलब आपको ईमानदार पत्रकारिता की दुश्वारियां और इसके बावजूद मिलने वाले आत्म संतोष का मखमली अहसास जानना होता था।परवेज भाई का अपनी माता जी एवं बड़े भाई रजा अहमद जी से अत्यंत प्रेम था मां एवं बड़े भाई के इंतकाल के बाद परवेज भाई का उज्जैन आना काफी कम हो गया था।पिछले कुछ दिनों से वो बीमार थे आज सुबह इनके इंतकाल की खबर से मैं और उनके सभी परिजन इष्ट मित्र सदमे की स्थिति में है।परवेज भाई का यू अचानक चले जाना एक ईमानदार पत्रकारिता के योद्धा के जाने जैसा है।उनके श्री चरणों में में मेरी एवं संपूर्ण पटेल परिवार को शोक श्रद्धांजलि समर्पित है।